आंवला के अनगिनत स्वास्थ्य लाभ होते हैं। विटामिन सी, पोलीफेनोल (polyphenols), आयरन, बी कॉम्प्लेक्स विटामिन, कैरोटेंस (carotenes) और जिंक जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आंवला इम्युनिटी सिस्टम को मज़बूत बनाता है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार सहित कई समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है।
आंवला कैसे मदद करता है
आंवला एक नेचुरल ऐफ्रोडीज़ीऐक (natural aphrodisiac) के रूप में आपकी सेक्स लाइफ में सुधार करने में सहायक है। इसमें मौजूद विटामिन सी से कम स्पर्म से पीड़ित लोगों को स्पर्म बढ़ाने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं यह सेक्स उत्तेजना यानि लिबिडो को भी बढ़ाता है जिससे व्यक्ति देर तक सेक्स का आनंद ले सकता है। इसके अलावा ये फल यौन शक्ति और पौरूष में सुधार करने के लिए भी जाना जाता है। दरअसल ये आयरन और जिंक का बेहतर स्रोत है, जिस वजह से ये स्पर्म क्वालिटी को बेहतर बनाने में अहम् भूमिका निभाता है।
इसका इस्तेमाल ऐसे करें
वाइट डिस्चार्ज से पीड़ित महिलाओं को आंवला के सूखे बीज से तैयार पाउडर में शहद मिलाकर खाने के सलाह दी जाती है।
सेक्स संबंधी परेशानियों से पीड़ित पुरुषों को अपनी सेक्सुअल लाइफ बेहतर बनाने के लिए रोजाना आंवला जूस पीना चाहिए।
अपनी सेक्स लाइफ को अच्छा बनाने के लिए आप गर्म पानी या दूध में आंवला पाउडर की एक चुटकी मिलाकर पी सकते हैं।
हमारे देश के श्रेष्ठ फलों में से एक है. यह आयुवर्द्धक, कल्याणकारी, श्रीफल, अमृतफल आदि नामों से भी जाना जाता है. आंलवा कफ़, पित्त, वायु को दूर करता है. इसके नियमित सेवन से आंखों की ज्योति बढ़ती है. यह हृदय रोग में भी लाभकारी है. इससे जिगर को ताक़त मिलती है. हरा आंवला रसायन होता है, सूखा आंवला कफ़ को नष्ट करता है. यह ख़ून की गर्मी को शांत करता है तथा हड्डियों को मज़बूत बनाता है. यह भूख को बढ़ानेवाला, पाचनशक्ति को ठीक करनेवाला तथा त्वचा रोगों को नष्ट करनेवाला भी माना जाता है.
सूखा आंवला तथा काला नमक समान भाग में लेकर चूर्ण बना लें. अजीर्ण से होनेवाले दस्त में आधा चम्मच चूर्ण दिन में तीन बार पानी के साथ सेवन करें. दस्त बंद हो जाएंगे.
बवासीर की शिकायत होने पर आंवले का चूर्ण दही के साथ नियमित लेना चाहिए.
तीन भाग ताज़े आंवले के रस में एक भाग शहद मिलाकर सुबह-दोपहर-शाम को लें. पीलिया में आश्चर्यजनक लाभ होगा.
नेत्र रोगों में आंवले का चूर्ण गाय के दूध के साथ नियमित सेवन करना चाहिए. इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है.
आंवले को आग पर भूनकर उसमें सेंधा नमक मिलाकर बारीक़ पीस लें. साथ ही इसमें दो-तीन बूंदें सरसों के तेल की मिला दें. इससे नियमित मंजन करने से पायरिया रोग का नाश होता है.
आंवले के रस में चंदन अथवा पीपरि का चूर्ण डालकर शहद के साथ चाटने से उल्टी बंद होती है.
हड्डी टूटने पर आवश्यक उपचार के बाद नियमित रूप से आंवले का रस किसी फल के रस में मिलाकर लें. विशेष लाभ होगा.
आंवला और हल्दी 10-10 ग्राम लेकर काढ़ा बना कर पीने से मूत्र मार्ग और गुदा मार्ग की जलन शांत होती है और पेशाब साफ़ होता है.
बीस ग्राम आंवले के रस में एक पका हुआ केला मसलकर, उसमें 5 ग्राम शक्कर मिलाकर खाने से स्त्रियों का सोमरोग (बहुमूत्र रोग) दूर हो जाता है.
आंवले का चूर्ण मूली के साथ खाने से मूत्राशय की पथरी में लाभ होता है.
एक औंस ताज़े आंवले का रस नित्य प्रातः खाली पेट एक हफ़्ते तक लें. पेट के कीड़े मर जाएंगे.
यदि नकसीर किसी प्रकार बंद न हो तो ताज़े आंवले का रस नाक में टपकाएं, नकसीर बंद हो जाएगी. जिन्हें अक्सर नकसीर की शिकायत रहती है, उन्हें नित्य आंवले का सेवन तथा सिर पर आंवले का लेप करना चाहिए.
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आंवले और काले तिल का बारीक़ चूर्ण बना लें. यह चूर्ण 5 ग्राम की मात्रा में घी या शहद के साथ नियमित चाटने से वृद्धत्व दूर होता है और शक्ति आती है.
बाल गिरते हों या कम उम्र में स़फेद हो गए हों, तो आंवले का चूर्ण पानी में मिलाकर तुलसी की हरी पत्तियों को पीसकर उसमें मिला दें. इसे बालों की जड़ों में मलें. 10 मिनट के बाद बाल धो लें, नियमित कुछ दिन तक ऐसा करने से बालों का गिरना तथा सफ़ेद होना रुक जाता है.
ताज़े आंवले के रस में थोड़ा नमक मिलाकर पीने से डायबिटीज़ कुछ महीने में ही ठीक हो जाता है.
आंवले के चूर्ण का लेप सिर पर लगाने से सिरदर्द से राहत मिलती है.
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