कोरोना वायरस (Corona virus) के खतरे से निपटने में दुनिया सफल नहीं रही है. ऐसे में वैज्ञानिकों को लगता है कि मंगल ग्रह (Mars) से मिट्टी के नमूने पृथ्वी (Earth) पर लाना ठीक नहीं होगा जबकि उससे खतरे की संभावना पूरी तरह से खारिज नहीं हो जाती.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona virus) ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. अमेरिका (USA) जैसे विकसित देश तक इसके प्रकोप से परेशान है. एक वायरस के कुछ पूर्ववर्ती रूप पहले ही दुनिया में कहर की झलक दिखा चुके थे. ऐसे में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मंगल ग्रह (Mars) से मिट्टी के नमूने लाना खतरे से खाली नहीं है.
पहली बार पूरी दुनिया में ऐसे छाई कोई बीमारी
कोरोना वायरस पिछले तीन महीने से दुनिया के 210 देशों में फैल चुका है. करीब 18 लाख संक्रमित हो चुके हैं और मारे जाने वालों की संख्या करीब एक लाख दस हजार हो चुकी है. संभवतः यह पहली बार दुनिया में इतने विस्तृत पैमाने पर कोई बीमारी फैली है.
mars |
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona virus) ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. अमेरिका (USA) जैसे विकसित देश तक इसके प्रकोप से परेशान है. एक वायरस के कुछ पूर्ववर्ती रूप पहले ही दुनिया में कहर की झलक दिखा चुके थे. ऐसे में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मंगल ग्रह (Mars) से मिट्टी के नमूने लाना खतरे से खाली नहीं है.
पहली बार पूरी दुनिया में ऐसे छाई कोई बीमारी
कोरोना वायरस पिछले तीन महीने से दुनिया के 210 देशों में फैल चुका है. करीब 18 लाख संक्रमित हो चुके हैं और मारे जाने वालों की संख्या करीब एक लाख दस हजार हो चुकी है. संभवतः यह पहली बार दुनिया में इतने विस्तृत पैमाने पर कोई बीमारी फैली है.
red planet |
अमेरिका नहीं था इसके लिए तैयार
अमरिका में लगभग 5 लाख मामले सामने आए हैं और मौत का आंकड़ा 17 हजार के पार निकल गया है. अमेरिका के लोगों को लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों से असहजता हो रही है. वहां के कई लोगों को मानना है कि वे इस तरह के आपदा से निपटने के लिए कभी तैयार नहीं थे.
जोखिम खारिज नहीं किया जा सकता पूरी तरह
कई विशेषज्ञों का मानना है कि मंगल ग्रह से वहां कि मिट्टी के नमूने लाने में जोखिम कम तो हैं लेकिन यह पूरी तरह से खतरे से खाली नहीं हैं. ये नमूने बायोलॉजिकल बम हो सकते हैं. हो सकता है कि उन नमूनों के साथ ऐसे अपरिचित सूक्ष्म जीव आ जाएं. अभी तक यह भी तय नहीं है कि इस तरह चीजों से हम कैसे निपटेंगे. कोरोना वायरस के संकट ने हमें यह सिखाया है कि हम इस तरह के खतरे को झेलने के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं हैं.
तो क्या हम मंगल से मिट्टी लाने की तैयारी में थे
जी हां. केवल नासा ही नहीं बल्कि अमेरिका के अलावा कई देश इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. इसमें चीन, फ्रांस, जापान, रूस शामिल हैं. नासा का एक रोवर मंगल पहुंच चुका है और उसने कुछ नमूने सहेज लिए हैं. अगले साल वह पर्सिवियरेंस नाम के दूसरे रोवर को मंगल भेजने की तैयारी भी कर रहा है.
क्या है MSR मिशन
मंगल से मिट्टी के नमूने लाने के अभियानों को मार्स सैम्पल रिटर्न (MSR) मिशन नाम दिया गया है. मंगल से नमूने लाने का काम दो बातों के लिए बहुत ही ज्यादा अहम माना गया है. पहला मंगल ग्रह पर जीवन ढूंढने के लिए और दूसरा मंगल पर मानव भेजने के लिए.
satelite red planet |
मंगल से मिट्टी के नमूने लाने की योजना, कोरोना वायरस का इस पर भी हो रहा है असर
मंगल से मिट्टी के नमूने लाने की योजना, कोरोना वायरस का इस पर भी हो रहा है असरवैज्ञानिक मानते हैं कि मंगल ग्रह से मिट्टी लाना में खतरा कम है, लेकिन पूरी तरह खतरे से खाली भी नहीं है..
कोरोना वायरस (Corona virus) के खतरे से निपटने में दुनिया सफल नहीं रही है. ऐसे में वैज्ञानिकों को लगता है कि मंगल ग्रह (Mars) से मिट्टी के नमूने पृथ्वी (Earth) पर लाना ठीक नहीं होगा जबकि उससे खतरे की संभावना पूरी तरह से खारिज नहीं हो जाती.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona virus) ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. अमेरिका (USA) जैसे विकसित देश तक इसके प्रकोप से परेशान है. एक वायरस के कुछ पूर्ववर्ती रूप पहले ही दुनिया में कहर की झलक दिखा चुके थे. ऐसे में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मंगल ग्रह (Mars) से मिट्टी के नमूने लाना खतरे से खाली नहीं है.
virus |
पहली बार पूरी दुनिया में ऐसे छाई कोई बीमारी
कोरोना वायरस पिछले तीन महीने से दुनिया के 210 देशों में फैल चुका है. करीब 18 लाख संक्रमित हो चुके हैं और मारे जाने वालों की संख्या करीब एक लाख दस हजार हो चुकी है. संभवतः यह पहली बार दुनिया में इतने विस्तृत पैमाने पर कोई बीमारी फैली है.
अमेरिका नहीं था इसके लिए तैयार
अमरिका में लगभग 5 लाख मामले सामने आए हैं और मौत का आंकड़ा 17 हजार के पार निकल गया है. अमेरिका के लोगों को लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों से असहजता हो रही है. वहां के कई लोगों को मानना है कि वे इस तरह के आपदा से निपटने के लिए कभी तैयार नहीं थे.
COVID-19दुनिया में अभी तक कोरना वायरस का कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है.
जोखिम खारिज नहीं किया जा सकता पूरी तरह
कई विशेषज्ञों का मानना है कि मंगल ग्रह से वहां कि मिट्टी के नमूने लाने में जोखिम कम तो हैं लेकिन यह पूरी तरह से खतरे से खाली नहीं हैं. ये नमूने बायोलॉजिकल बम हो सकते हैं. हो सकता है कि उन नमूनों के साथ ऐसे अपरिचित सूक्ष्म जीव आ जाएं. अभी तक यह भी तय नहीं है कि इस तरह चीजों से हम कैसे निपटेंगे. कोरोना वायरस के संकट ने हमें यह सिखाया है कि हम इस तरह के खतरे को झेलने के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं हैं.
तो क्या हम मंगल से मिट्टी लाने की तैयारी में थे
जी हां. केवल नासा ही नहीं बल्कि अमेरिका के अलावा कई देश इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. इसमें चीन, फ्रांस, जापान, रूस शामिल हैं. नासा का एक रोवर मंगल पहुंच चुका है और उसने कुछ नमूने सहेज लिए हैं. अगले साल वह पर्सिवियरेंस नाम के दूसरे रोवर को मंगल भेजने की तैयारी भी कर रहा है.
क्या है MSR मिशन
मंगल से मिट्टी के नमूने लाने के अभियानों को मार्स सैम्पल रिटर्न (MSR) मिशन नाम दिया गया है. मंगल से नमूने लाने का काम दो बातों के लिए बहुत ही ज्यादा अहम माना गया है. पहला मंगल ग्रह पर जीवन ढूंढने के लिए और दूसरा मंगल पर मानव भेजने के लिए.
रूस और चीन हैं गंभीर
फिलहाल नासा के अलावा रूस और चीन भी इस तरह केअभियान पर सक्रिय तौर पर काम कर रहे हैं. जहां नासा यूरोपीय स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर साल 2032 तक मंगल से मिट्टी के नमूने लाने की तैयारी कर रहा है, वहीं चीन की योजना 2030 तक मंगल से नमूने लाने की है. चीन अपनी अंतरिक्ष योजनाओं के लेकर बहुत महत्वाकांक्षी है. वह चांद के पिछले हिस्से पर, जो धरती से दिखाई नहीं देता, पर अंतरिक्ष यान भेजने वाला पहला देश है. वहीं रूस ने इस योजना की अभी कोई समय सीमा नहीं बताई है.
और भी मत हैं वैज्ञानिकों के
वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल से नमूने लाने से पृथ्वी पर संक्रमण आने की संभावना बहुत ही कम है. लेकिन वे इसे पूरी तरह से खारिज करने में असमर्थ हैं. पृथ्वी के बाहर से इस तरह के संक्रमण के आने को बैक कंटैमिनेशन कहा जाता है. कई ऐसे वैज्ञानिक हैं जो यह मानते हैं कि मंगल से नमूने लाने में लेशमात्र भी खतरा नहीं हैं. तो वहीं कुछ वैज्ञानिकों का यह मानना है कि पृथ्वी के बाहर से कई संक्रमण यहां आ चुके हैं. जिन्हें छिपाया भी गया है.
कोरोना बदल रहा है सोच
बेशक जहां वैज्ञानिकों में इस बात को लेकर मतभेद रहे कि मंगल ग्रह से नमूने लाने में कितनी जल्दबाजी हो रही है, वहीं कोरोना वायरस के प्रकोप ने इस बहस को नया आयाम दिया है. कोरोना वायरस दुनिया में सामाजिक और आर्थिक बदलाव के साथ वैज्ञानिकों की सोच बदलने में भी भूमिका निभा रहा है.
No comments:
Post a Comment